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Sunday, 27 April 2025

तालाब की सुरक्षित जमीन पर भी मिलीभगत में हो रहा मिट्टी खनन, अनभिज्ञ होने का ढ़ोंग कर रहे जिम्मेदार


 

प्राइम भारत न्यूज

न्यूज डेस्क_ संजय वर्मा ‘पंकज


त्रिवेदीगंज, बाराबंकी। भारी भ्रष्टाचार बेलगाम जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारी व विभाग से खनन माफियाओं के सेटिंग गेटिंग के खेल में निजी जमीनों के बाद अब सुरक्षित भूमि भी इन खनन माफियाओं से सुरक्षित नहीं है। ग्रामीणों का आरोप यह भी है कि जिम्मेदार जिला खनन अधिकारी से लेकर स्थानीय पुलिस तक शिकायतों पर कार्रवाई की जगह शिकायतकर्ताओं पर ही निशाना साधती नजर आती है। जिससे शिकायत कर्ता सीधे खनन माफियाओं के निशाने पर आ जाता है।
सामने आए मामले में ग्राम पँचायत त्रिवेदीगंज की लगभग दस विसवा तालाबी  भूमि पर हुआ अवैध मिट्टी खदान खनन माफियाओं ने बेच डाली मिट्टी। क्षेत्रिय लेखपाल जहां पूछने पर अंजान बने नजर आते हैं। तो वहीं उप जिलाधिकारी हैदरगढ़ से भी ग्रामीणों ने शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई तक नहीं हुई।
बताते चलें कि देश की सर्वोच्च न्यायालय के सुरक्षित भूमियों की स्थिति में परिवर्तन को लेकर लगायी गई रोक जिसपर जानकारी अनुसार सरकार की तरफ से भी उच्च न्यायालय में हलफनामा तक दाखिल कर है, अमूमन फसली 1640 के हिसाब से उतने रकबे की शेष ही नहीं हैं जितनी दर्ज है और कुछ का तो स्वरूप ही कहीं तालाब से आबादी तो चीरागाह, खलिहान की जगह कुछ और ही नजर आता है। रही शिकायत की बात तो पूर्व डीएम के समय में ग्राम समाज की सुरक्षित भूमि पर कई बार शिकायत पर कार्रवाई सिफर रहने पर जागरूक ग्रामीण का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत कर उसकी पारवी करना इतना महंगा पड़ा कि तत्कालीन महिला अधिकारी ने नापजोख के नाम पर शिकायतकर्ता की ही जमीन नाप ग्राम समाज में दिखाने का प्रयास किया जिसकी वीडियो तक वायरल हुई तो बजाए आरोपी महिला अधिकारी पर कार्रवाई करने के जिला स्तरीय अधिकारी तक महिला अधिकारी को बचाने में शिकायत कर्ता को ही तमाम फर्जी आरोपों में फसाने की धमकी की कवायत में मिलीभगत में शामिल दिखे जिसकी खबर सोशल मीडिया पर एक जागरूक पत्रकार ने जारी किया तो भी प्रशासनिक अमला योगी राज में डरने की जगह भ्रष्टाचार संरक्षण में एग्रेसिव दिखाई दिया। जिससे समझा जा सकता है कि कलयुगी रामराज्य में अब किसी धोबी तो छोड़ दीजिये किसी का भी सच उसपर कब भारी पड़ जाए कहना मुश्किल है। वैसे भी पुराना फिल्मी डायलॉग भी है कि 100 में 99 बेईमान फिर भी अपना देश महान अन्य जगह तो नहीं जनपद में तो बीते डीएम-एसपी के कार्यकाल में तो सर चढ़कर बोला ही।
अब वर्तमान तेजतर्रार डीएम के कई त्वरित कार्यवाही निस्तारण के कई मामलों ने जनपद में लेगों को आशान्वित किया है और सुनने में यह भी आया है कि नवागत एसपी व डीएम क्लासफैलो थे। तो हो सकता है दोनो की इमानदारी कुछ आमूलचूल परिवर्तन लाए और कम से कम प्राकृतिक हो रहे बदलाव पर अंकुश लगा पाए इसके पहले कि निकट बैठने वाले चापलूस मतलबी उनकी सोच प्रभावित करें।




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