Wednesday, 30 April 2025

भारतीय किसान यूनियन भानु से हारून बने नगर अध्यक्ष


 प्राइम भारत न्यूज 

न्यूज डेस्क _ ऋषभ सैनी 


बाराबंकी। भारतीय किसान यूनियन भानु के मंडल कार्यालय पर मंडल अध्यक्ष रवि वर्मा की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। बैठक का संचालन मंडल महामंत्री खालिद खान एवं जिला अध्यक्ष राधेरमन वर्मा द्वारा किया गया।इस बैठक में संगठन के पदाधिकारियों ने सर्वसम्मति से हारून को नगर अध्यक्ष के पद पर नियुक्त किया। इस मौके पर मंडल अध्यक्ष रवि वर्मा ने कहा कि, "नगर अध्यक्ष की जिम्मेदारी अब हारून को दी गई है। हमें विश्वास है कि वह इस दायित्व को पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निभाते हुए जनहित में कार्य करेंगे।"

मंडल महामंत्री खालिद खान ने बताया कि नगर अध्यक्ष के रूप में हारून की प्राथमिकता नगर क्षेत्र में फैलते नशे के कारोबार और अवैध अस्पतालों पर निगरानी रखना होगी। उन्होंने कहा कि, "युवा पीढ़ी को नशे से बचाना और गरीबों को अवैध वसूली से राहत दिलाना हमारी प्राथमिकता है।इस बैठक में संगठन के तमाम वरिष्ठ पदाधिकारी युवा जिला अध्यक्ष देशराज वर्मा मंडल मंत्री अमरेंद्र यादव मंडल सचिव रोहित कुमार, समाजसेवी सोनू शर्मा, एडवोकेट सुनील यादव, और कार्यकर्ता राशिद खान, जफर, मौला, उपस्थित रहे। जिन्होंने नए नगर अध्यक्ष को शुभकामनाएं दीं और संगठन को मजबूत बनाने के लिए सहयोग का आश्वासन दिया।




Tuesday, 29 April 2025

बाराबंकी में ‘मौत के अड्डे’ बन चुके अवैध अस्पताल! समाज सेविका की जंग से खुली सच्चाई

 

कानून ताक पर, ज़िंदगियां खतरे में—प्रशासनिक चुप्पी पर उठे सवाल

न्यू सहारा, नोबेल, अर्पण जैसे निजी अस्पतालों पर नियम तोड़ने और मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ का आरोप; प्रिया सिंह की शिकायत से हड़कंप, क्या अब जागेगा प्रशासन?


 प्राइम भारत न्यूज

न्यूज डेस्क _ मोहम्मद अहमद 


बाराबंकी।  उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम बृजेश पाठक की कथित सख्ती के बीच बाराबंकी के कई निजी अस्पताल नियम-कानून को ताक पर रखकर मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। इस गंभीर मुद्दे को समाज सेविका प्रिया सिंह ने साहस के साथ उजागर किया है। उन्होंने जिले के कई अस्पतालों—जैसे न्यू सहारा, नोबेल, अर्पण, सहयोग, और ग्लोब हॉस्पिटल—के खिलाफ मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को विस्तृत शिकायत देकर प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया है।प्रिया सिंह की शिकायत में इन अस्पतालों पर कई कानूनों के उल्लंघन का आरोप है, जिनमें दिव्यांगजन अधिनियम 2016, बायोमेडिकल वेस्ट नियम 2016, PC-PNDT अधिनियम 1994, राष्ट्रीय भवन संहिता 2016, क्लिनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट 2010, पर्यावरण अधिनियम 1986, और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 शामिल हैं। इन अस्पतालों में रैंप का अभाव, बायोमेडिकल कचरे का खुले में निस्तारण, PC-PNDT प्रमाणपत्र की कमी, फायर एनओसी न होना, मानकविहीन कमरे-बेड, पार्किंग की अनुपस्थिति, अप्रशिक्षित स्टाफ, प्रदूषण लाइसेंस की कमी, और अवैध दवा दुकानों का संचालन जैसे गंभीर लापरवाही के मामले सामने आए हैं। ये अस्पताल बीमा धारकों से मनमानी फीस वसूल रहे हैं, जिसके चलते मातृ-शिशु मृत्यु दर और संक्रामक रोगों में इजाफा हो रहा है।पिछले साल फतेहपुर के एक निजी अस्पताल में एक गर्भवती महिला की मौत की घटना ने इन अस्पतालों की लापरवाही को सुर्खियों में लाया था। पहले इन अस्पतालों को निलंबित डिप्टी सीएमओ डॉ. राजीव दीक्षित का संरक्षण प्राप्त था, जिन्हें मार्च 2025 में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने रिश्वतखोरी के एक मामले में निलंबित किया था। दीक्षित के निलंबन के बाद भी इन अस्पतालों का बेरोकटोक संचालन जारी है, जिससे प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।प्रिया सिंह ने अपनी शिकायत में मांग की है कि इन अस्पतालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई हो, जिसमें 48 घंटे में संचालन पर रोक, प्रत्येक अस्पताल पर ₹15 लाख का जुर्माना, कानूनी मुकदमे, पंजीकरण रद्द करना, 7 दिन में ऑडिट, और 10 दिन में जांच रिपोर्ट शामिल है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वह जनहित याचिका के माध्यम से उच्च न्यायालय का रुख करेंगी। उनकी इस पहल ने स्थानीय निवासियों में उम्मीद जगाई है। हैदरगढ़ के निवासी अजय वर्मा ने कहा, “प्रिया जी ने हमारी आवाज को बुलंद किया है। अब प्रशासन को जवाब देना होगा।”बाराबंकी में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली कोई नई बात नहीं है। पिछले कुछ महीनों में देवा शरीफ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों को बाहर से दवाएं खरीदने की शिकायतें और अन्य अनियमितताएं सामने आई थीं। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने तब कार्रवाई का आश्वासन दिया था, लेकिन हालात जस के तस हैं। प्रिया सिंह ने कहा, “मैं सिर्फ इतना चाहती हूं कि मरीजों की जान सुरक्षित रहे और कानून का पालन हो। प्रशासन को अब जागना होगा।






वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता लाने की तैयारी, महिलाओं को मिलेगा विशेष लाभ


 

वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को पसमान्दा मुस्लिम संगठन ने बताया सुधारात्मक कदम, महिलाओं और जरूरतमंद तबकों के लिए नए प्रावधान


   प्राइम भारत न्यूज 

न्यूज डेस्क _ऋषभ सैनी


बाराबंकी। केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तावित वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार की दिशा में एक अहम कदम बताया गया है। आल इंडिया पसमान्दा मुस्लिम महाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसीम राईन ने इसे एक जरूरी और सकारात्मक बदलाव करार दिया है, जो वक्फ संपत्तियों के पारदर्शी, जिम्मेदार और जनहितकारी उपयोग को सुनिश्चित करेगा।

वसीम राईन ने कहा कि वक्फ संपत्तियाँ मुस्लिम समुदाय के धार्मिक, शैक्षणिक और सामाजिक कल्याण का आधार रही हैं, लेकिन समय के साथ इनके प्रबंधन में अनियमितता, अतिक्रमण और विवाद बढ़े हैं। नया विधेयक इस दिशा में सुधार लाने का कार्य करेगा।उन्होंने बताया कि विधेयक के जरिए अब वक्फ बोर्डों को किसी भी संपत्ति को मनमाने ढंग से वक्फ घोषित करने से रोका जाएगा, जिससे गैर-मुस्लिमों की संपत्तियों पर अनुचित दावे नहीं किए जा सकेंगे। इसके अलावा, संपत्तियों का डिजिटलीकरण, ऑनलाइन रिकॉर्ड, और वार्षिक ऑडिट जैसे प्रावधानों को अनिवार्य बनाया गया है, ताकि पूरी प्रणाली पारदर्शी और उत्तरदायी बन सके।महिलाओं के अधिकारों पर विशेष ज़ोर देते हुए वसीम राईन ने बताया कि विधवा और तलाकशुदा महिलाओं के लिए आर्थिक सहायता, शिक्षा, कौशल विकास और कानूनी मदद जैसी सुविधाओं का प्रस्ताव है। वक्फ संपत्ति से जुड़े विवादों में महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए अलग कानूनी सहायता केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे।उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि वक्फ संपत्तियों से होने वाली आमदनी का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और रोजगार जैसे बुनियादी क्षेत्रों में हो। साथ ही, शिया, सुन्नी, बोहरा, अघाखानी और पिछड़े वर्गों को वक्फ बोर्डों में प्रतिनिधित्व देकर निर्णय प्रक्रिया को समावेशी बनाया गया है।राईन ने विश्वास जताया कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के संरक्षण और उनके सही उपयोग की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।

Monday, 28 April 2025

महिलाओं से बहस करना विद्युत कर्मचारी को पड़ा भारी, तत्काल निलंबन

 बाराबंकी (नवाबगंज)। विद्युत वितरण खंड नवाबगंज के घोसियाना स्थित अधिशासी अभियंता कार्यालय में सोमवार अपराह्न करीब 3 बजे ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी द्वारा महिलाओं से बहस करना महंगा पड़ गया। विभागीय अनुशासन के उल्लंघन के आरोप में कर्मचारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, अधिशासी अभियंता सुभाष चन्द्रा ने दो अज्ञात महिलाओं के साथ लेनदेन को लेकर कार्यालय के आरसी कक्ष में तैनात विकास श्रीवास्तव द्वारा की गई बहसबाजी को गंभीरता से लिया। मामले की जांच कराई गई, जिसमें कर्मचारी का दोष सिद्ध होने पर उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। साथ ही निर्देश दिया गया कि जीवन निर्वाह भत्ता भुगतान के लिए विकास श्रीवास्तव को यह प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा कि वह निलंबन अवधि में किसी अन्य सेवा, व्यवसाय अथवा वृत्ति में संलग्न नहीं रहेगा।

बताया जा रहा है कि कहासुनी के चलते कार्यालय परिसर में काफी भीड़ एकत्र हो गई थी, जिससे अन्य कार्यालयीन कार्य भी काफी देर तक बाधित रहे। घटना के बाद विभाग में हड़कंप मच गया और अनुशासन बनाए रखने के निर्देश जारी किए गए हैं।

पहलगाम हमले के विरोध में हिंदू राष्ट्र शक्ति की आक्रोश यात्रा पाकिस्तान का पुतला दहन


प्राइम भारत न्यूज 

न्यूज डेस्क _ मोहम्मद अहमद


बाराबंकी में  कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध में हिंदू राष्ट्र शक्ति संगठन ने रविवार को बाराबंकी के सिद्धौर में एक विशाल आक्रोश यात्रा निकाली। संगठन के जिला अध्यक्ष शिवम सिंह के नेतृत्व और सिद्धौर नगर इकाई के अध्यक्ष दीना रावत की अगुवाई में आयोजित इस यात्रा में हजारों स्थानीय लोग और संगठन के कार्यकर्ता शामिल हुए। यात्रा सिद्धेश्वर मंदिर से शुरू होकर मिल चौराहे तक पहुंची, जहां पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई और पुतला दहन किया गया।यात्रा की शुरुआत सिद्धेश्वर मंदिर से हुई, जहां बड़ी संख्या में युवाओं ने एकत्र होकर पाकिस्तान के खिलाफ हुंकार भरी। स्थानीय पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कार्यकर्ता मशालें लेकर मिल चौराहे की ओर बढ़े। इस दौरान "पाकिस्तान मुर्दाबाद" और "भारत माता की जय" जैसे गगन भेदी नारे गूंजते रहे। स्थानीय लोगों ने भी बढ़-चढ़कर यात्रा में हिस्सा लिया और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई।हिंदू राष्ट्र शक्ति के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह अन्नू ने कहा, "पहलगांव में हुआ हमला न केवल कश्मीर पर, बल्कि पूरे हिंदुस्तान की एकता पर प्रहार है। हम पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं और केंद्र सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं।" अयोध्या मंडल अध्यक्ष अभिषेक सिंह ने भी केंद्र से आतंकवाद के खिलाफ मील चौराहे पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान और आतंकवाद का पुतला जलाया और आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश दिया।स्थानीय पुलिस ने यात्रा के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए व्यापक इंतजाम किए थे। प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा और किसी भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली। इस आक्रोश यात्रा ने न केवल पहलगांव हमले के प्रति लोगों के गुस्से को व्यक्त किया, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का संदेश भी दिया।



Sunday, 27 April 2025

निकायों से अवैध होर्डिंग्स-बैनर हटाने के अभियान में हटीं 4059 अवैध होर्डिंग्स-बैनर

 


  प्राइम भारत न्यूज

न्यूज डेस्क _ ऋषभ सैनी 

 

बाराबंकी। मुख्य मार्गों पर लगे स्ट्रीट लाइट के पोल पर विभाग की अनुमति के बिना लगाए गए तमाम होर्डिग बोर्ड को उतारने के सभी नगर निकायों में जारी 7 दिवसीय अभियान के अंतिम दिन भी हटायी गईं तमाम बैनर वा होर्डिंग्स। 

बताते चलें कि नगर पालिका नवाबगंज और जिले की सभी नगर पंचायतों के कर्मचारियों ने सैकड़ों पोल पर लगे होर्डिंग बोर्ड को हटाकर अपने कब्जे में ले लिए। नगर पालिका परिषद नवाबगंज के अधिशाषी अधिकारी संजय शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि अभियान के तहत नगर पालिका नबाबगंज सहित जिले की सभी नगर पंचायतों में अबतक 4059 अवैध होर्डिंग्स व बैनर हटाये जा चुके है। इसी माह की बीती 20 अप्रैल से इस अभियान की शुरुआत नगर पालिका परिषद नवाबगंज और जिले की सभी 13 नगर पंचायतों में एक साथ हुई थी। जिसके क्रम में जिले की सभी 13 नगर पंचायतों में अभियान पूरा कर लिया गया है। परंतु नगर पालिका परिषद नवाबगंज में एक दो दिन यह अभियान और चलेगा।


पारदर्शिता और सामाजिक न्याय की ओर एक कदम है वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 : वसीम राईन

प्राइम भारत न्यूज

न्यूज डेस्क_ ऋषभ सैनी 



बाराबंकी। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 एक स्वागतयोग्य पहल है, जिसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को पारदर्शी, उत्तरदायी और समावेशी बनाना है। भारत में वक्फ संपत्ति का उपयोग मुस्लिम समुदाय के धार्मिक, शैक्षणिक और सामाजिक कल्याण के लिए किया जाता रहा है। 
परंतु बीते वर्षों में इसमें भ्रष्टाचार, अतिक्रमण और अधिकारों के उल्लंघन की कई घटनाएं सामने आई हैं।
विधेयक वक्फ बोर्डों को मनमाने ढंग से संपत्तियों को 'वक्फ' घोषित करने से रोकने के लिए स्पष्ट नियम लाता है। यह सुनिश्चित करता है कि गैर-मुस्लिमों की संपत्तियों पर अनुचित दावे न किए जाएं, जैसा कि तमिलनाडु, बिहार और केरल में हाल ही में हुआ। डिजिटलीकरण, संपत्ति का ऑनलाइन रिकॉर्ड और नियमित लेखा-परीक्षण वक्फ प्रबंधन को पारदर्शी बनाएंगे। 
महिलाओं को विधेयक में विशेष महत्व दिया गया है। विधवा और तलाकशुदा महिलाओं को आर्थिक सहायता, छात्रवृत्ति, कौशल विकास और कानूनी सहायता जैसे उपायों से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया गया है। उत्तराधिकार विवादों में महिलाओं की हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए कानूनी सहायता केंद्रों की स्थापना भी प्रस्तावित है। 
विधेयक न केवल वक्फ संपत्तियों की रक्षा करता है, बल्कि उसका लाभ गरीबों और जरूरतमंदों तक पहुंचे, यह भी सुनिश्चित करता है। इसका उद्देश्य है कि वक्फ की आय का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और रोजगार में हो। इसके लिए बेहतर लेखा व्यवस्था, पारदर्शिता और प्रशासनिक समन्वय को अनिवार्य बनाया गया है। 
साथ ही, सभी संप्रदायों को वक्फ बोर्डों में प्रतिनिधित्व देकर निर्णय-प्रक्रिया को समावेशी बनाने की पहल भी की गई है। शिया, सुन्नी, बोहरा, अघाखानी और पिछड़े वर्गों से प्रतिनिधि जोड़कर यह सुनिश्चित किया गया है कि हर समुदाय की आवाज़ सुनी जाए।
संक्षेप में, वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 वक्फ संपत्तियों को धार्मिक भावना के अनुरूप और जनकल्याण के उद्देश्य से उपयोग में लाने की दिशा में एक मील का पत्थर है। यह कानूनी और प्रशासनिक सुधारों के ज़रिए वक्फ संस्थाओं को एक प्रगतिशील, निष्पक्ष और उत्तरदायी ढांचा प्रदान करता है।


 

आर्थिक रूप से कमजोर मरीज की मदद के लिए आगे आई श्री यज्ञसेनी वैश्य समाज कल्याण समिति


 प्राइम भारत न्यूज 

न्यूज डेस्क_ ऋषभ सैनी 


बाराबंकी। समाज सेवा के क्षेत्र में एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करते हुए श्री यज्ञसेनी वैश्य समाज कल्याण समिति, बाराबंकी ने आर्थिक रूप से कमजोर अनिल कुमार गुप्ता, निवासी गांधीनगर बाराबंकी को इलाज के लिए 27,000 रुपये की सहायता राशि प्रदान की। समिति के इस कदम ने जरूरतमंदों के प्रति संवेदनशीलता और सहयोग भावना का संदेश दिया है।इस पुनीत कार्य में समिति के सदस्यों ने बढ़-चढ़कर योगदान दिया। सहयोग करने वालों में सुशील गुप्ता 'सभासद', राजेश गुप्ता, डॉ. अर्जुन गुप्ता, रवि गुप्ता, विकास गुप्ता 'विक्की', पंकज गुप्ता, राज कमल (रुदौली), नमन गुप्ता (लखनऊ), राम कुमार गुप्ता (कानपुर), पवन कुमार, पंकज गुप्ता (रसौली), सतीश गुप्ता (प्रतापगंज), अरुण गुप्ता, अमन यज्ञसेनी, अनुराग (शाहाबाद), ब्रिजेश गुप्ता (लखनऊ), रोहित गुप्ता, प्रांशु गुप्ता, मनोज गुप्ता (लखनऊ), सुधांशु गुप्ता, राम शंकर, दया शंकर, श्रीकांत गुप्ता, राम मोहन गुप्ता तथा अमित गुप्ता सहित अनेक सदस्यों का उल्लेखनीय योगदान रहा।

समिति ने सभी सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए इस प्रकार के प्रयास आगे भी जारी रहेंगे। समिति ने विश्वास व्यक्त किया कि सभी सदस्य भविष्य में भी सेवा और सहयोग की इस भावना को बनाए रखेंगे।



तालाब की सुरक्षित जमीन पर भी मिलीभगत में हो रहा मिट्टी खनन, अनभिज्ञ होने का ढ़ोंग कर रहे जिम्मेदार


 

प्राइम भारत न्यूज

न्यूज डेस्क_ संजय वर्मा ‘पंकज


त्रिवेदीगंज, बाराबंकी। भारी भ्रष्टाचार बेलगाम जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारी व विभाग से खनन माफियाओं के सेटिंग गेटिंग के खेल में निजी जमीनों के बाद अब सुरक्षित भूमि भी इन खनन माफियाओं से सुरक्षित नहीं है। ग्रामीणों का आरोप यह भी है कि जिम्मेदार जिला खनन अधिकारी से लेकर स्थानीय पुलिस तक शिकायतों पर कार्रवाई की जगह शिकायतकर्ताओं पर ही निशाना साधती नजर आती है। जिससे शिकायत कर्ता सीधे खनन माफियाओं के निशाने पर आ जाता है।
सामने आए मामले में ग्राम पँचायत त्रिवेदीगंज की लगभग दस विसवा तालाबी  भूमि पर हुआ अवैध मिट्टी खदान खनन माफियाओं ने बेच डाली मिट्टी। क्षेत्रिय लेखपाल जहां पूछने पर अंजान बने नजर आते हैं। तो वहीं उप जिलाधिकारी हैदरगढ़ से भी ग्रामीणों ने शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई तक नहीं हुई।
बताते चलें कि देश की सर्वोच्च न्यायालय के सुरक्षित भूमियों की स्थिति में परिवर्तन को लेकर लगायी गई रोक जिसपर जानकारी अनुसार सरकार की तरफ से भी उच्च न्यायालय में हलफनामा तक दाखिल कर है, अमूमन फसली 1640 के हिसाब से उतने रकबे की शेष ही नहीं हैं जितनी दर्ज है और कुछ का तो स्वरूप ही कहीं तालाब से आबादी तो चीरागाह, खलिहान की जगह कुछ और ही नजर आता है। रही शिकायत की बात तो पूर्व डीएम के समय में ग्राम समाज की सुरक्षित भूमि पर कई बार शिकायत पर कार्रवाई सिफर रहने पर जागरूक ग्रामीण का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत कर उसकी पारवी करना इतना महंगा पड़ा कि तत्कालीन महिला अधिकारी ने नापजोख के नाम पर शिकायतकर्ता की ही जमीन नाप ग्राम समाज में दिखाने का प्रयास किया जिसकी वीडियो तक वायरल हुई तो बजाए आरोपी महिला अधिकारी पर कार्रवाई करने के जिला स्तरीय अधिकारी तक महिला अधिकारी को बचाने में शिकायत कर्ता को ही तमाम फर्जी आरोपों में फसाने की धमकी की कवायत में मिलीभगत में शामिल दिखे जिसकी खबर सोशल मीडिया पर एक जागरूक पत्रकार ने जारी किया तो भी प्रशासनिक अमला योगी राज में डरने की जगह भ्रष्टाचार संरक्षण में एग्रेसिव दिखाई दिया। जिससे समझा जा सकता है कि कलयुगी रामराज्य में अब किसी धोबी तो छोड़ दीजिये किसी का भी सच उसपर कब भारी पड़ जाए कहना मुश्किल है। वैसे भी पुराना फिल्मी डायलॉग भी है कि 100 में 99 बेईमान फिर भी अपना देश महान अन्य जगह तो नहीं जनपद में तो बीते डीएम-एसपी के कार्यकाल में तो सर चढ़कर बोला ही।
अब वर्तमान तेजतर्रार डीएम के कई त्वरित कार्यवाही निस्तारण के कई मामलों ने जनपद में लेगों को आशान्वित किया है और सुनने में यह भी आया है कि नवागत एसपी व डीएम क्लासफैलो थे। तो हो सकता है दोनो की इमानदारी कुछ आमूलचूल परिवर्तन लाए और कम से कम प्राकृतिक हो रहे बदलाव पर अंकुश लगा पाए इसके पहले कि निकट बैठने वाले चापलूस मतलबी उनकी सोच प्रभावित करें।




Friday, 25 April 2025

शोक सभा कर तमाम पत्रकारों ने पहलगाम में हुए निर्मम हत्याकांड में मृतकों को शोकसभा कर दी श्रद्धांजलि


प्राइम भारत न्यूज

News desk- Rishabh Saini 


बाराबंकी। पत्रकार प्रेस महासंघ जनपद ईकाई की पहलगाम हत्याकाण्ड मामले में शोक एवं श्रद्धांजलि सभा का आयोजन सायंकाल 5 बजे आवास विकास स्थित कार्यालय पर जिलाध्यक्ष जितेन्द्र शुक्ला की अध्यक्षता व प्रदेश अध्यक्ष मध्य संजय वर्मा पंकज की मौजूदगी में आयोजित हुआ। जिसमें देश की सुरक्षा को लेकर तमाम पत्रकारों ने अपने अपने विचार रखते हुए इसमें तमाम आरोपों से घिरी सुप्रीम कोर्ट के आतंकवादी देशद्रोहियों के प्रति प्रेम को जिम्मेदार बताते हुए संसद के दोनो सदनो सहित 10 राज्यों से भी पास होने के बाद राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी)  को कोर्ट द्वारा रोके गए बिल के लागू करने वा न्यायिक प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाए जाने की जोरदार मांग की। वहीं सुरक्षा में हुई चूक में लापरवाही बरतने वाले जिम्मेदारों के खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की मांग की। जिसके बाद सभी ने दो मिनट का मौन रख कर दिवंगत 26 लोगों की आत्मा की शान्ति के साथ साथ परिवारीजनों को इस असहनीय दुःख सहने की क्षमता प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की। 

इस मौके पर प्रदेश मध्य कार्यालय प्रभारी ऋषभ सैनी, देवीपाटन मंडल अध्यक्ष देवेन्द्र नाथ मिश्रा, जिला सचिव मो.आसिफ, जिला उपाध्यक्ष भूपेंद्र मिश्रा, सार्वजीत वर्मा, जिला उपाध्यक्ष मो, अहमद, जिला कोषाध्यक्ष अरशद जमाल, जिला मीडिया प्रभारी चौधरी उस्मान, जिला मीडिया प्रभारी,शरद श्रीवास्तव, जिला मीडिया प्रभारी योगेश मौर्या, नगर अध्यक्ष मो.सद्दाम, प्रदेश मध्य उपाध्यक्ष मनोज शर्मा, प्रदेश मध्य उपाध्यक्ष आर. एन. शर्मा, बंकी ब्लॉक अध्यक्ष शानू चौधरी, मो. नसीम, मो.सलमान, सदस्य चन्दन कश्यप, रवीन्द्र कुमार, लीगल एडवाइजर अधिवक्ता आनन्द तिवारी, अधिवक्ता धीरज सैनी सहित तमाम पत्रकार मौजूद रहे।



 

Tuesday, 22 April 2025

महिला कल्याण विभाग ने जहांगीराबाद में आयोजित किया जागरूकता कार्यक्रम

प्राइम भारत न्यूज 

News desk- Rishabh Saini 


 

बाराबंकी। मिशन वात्सल्य योजना के तहत जिला प्रोबेशन अधिकारी डॉ. पल्लवी सिंह के मार्गदर्शन में महिला कल्याण विभाग और चाइल्ड हेल्पलाइन द्वारा जागरूकता अभियान निरंतर चलाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में ब्लॉक बंकी के जहांगीराबाद में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।कार्यक्रम में सुपरवाइजर अवधेश कुमार, अमित कुमार और चाइल्ड हेल्पलाइन के केस वर्कर प्रदीप कुमार ने महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा, बाल अधिकारों, और विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। इनमें मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, सामान्य स्पॉन्सरशिप योजना, और सखी वन स्टॉप सेंटर जैसी योजनाएं शामिल थीं।उन्होंने बताया कि गुमशुदा, अनाथ, लावारिश, बेसहारा, या किसी मुसीबत में फंसे बच्चों की सहायता के लिए चाइल्ड हेल्पलाइन के टोल-फ्री नंबर 1098 पर संपर्क किया जा सकता है। साथ ही, बच्चों के पोषण, खान-पान, और खेलकूद के महत्व पर भी प्रकाश डाला गया।महिलाओं को घरेलू हिंसा से निपटने के लिए हेल्पलाइन नंबर 181 की जानकारी दी गई। इसके अलावा, वीमेन पावर हेल्पलाइन नंबर 101, 102, 108, 112, और 1090 के बारे में भी बताया गया। बच्चों से दोस्ताना माहौल बनाने के लिए चिप्स, चॉकलेट, बिस्किट, और फ्रूटी का वितरण किया गया, जिससे बच्चों के चेहरे पर मुस्कान बिखर गई।कार्यक्रम में समाजसेविका आरती, ग्रामवासी, अभिभावक, बच्चे, और महिलाएं शामिल रहीं। इस आयोजन ने जागरूकता फैलाने के साथ-साथ समुदाय में एकजुटता को भी बढ़ावा दिया।



*सड़क हादसे के घायल को फर्जी मुकदमे में फंसाने का आरोप, अधिवक्ताओं ने पुलिस कप्तान से की शिकायत*



सड़क किनारे खड़े पूर्व ग्राम प्रधान को सिपाही ने मारी टक्कर, घायल को ही बना दिया आरोपी; बार एसोसिएशन ने पुलिस कप्तान को सौंपा ज्ञापन


प्राइम भारत न्यूज

News desk _Rishabh Saini 


बाराबंकी। थाना सफदरगंज क्षेत्र में एक सड़क दुर्घटना के बाद न्याय की जगह अन्याय होता दिखा, जब घायल पूर्व ग्राम प्रधान रोहित तिवारी के खिलाफ ही पुलिस ने फर्जी मुकदमा दर्ज कर लिया। यह मामला उस वक्त सामने आया जब जिला बार एसोसिएशन बाराबंकी के अधिवक्ताओं ने पुलिस अधीक्षक से मिलकर इस अन्यायपूर्ण कार्रवाई पर नाराज़गी जताई और उचित कानूनी कार्रवाई की मांग की।

पीड़ित के बताए अनुसार 10 अप्रैल की रात करीब 9 बजे पूर्व ग्राम प्रधान रोहित तिवारी अपने भतीजे रवि तिवारी के साथ पैतृक गांव से बाराबंकी लौट रहे थे। सफदरगंज चौराहे से लगभग 300 मीटर पहले सड़क किनारे खड़े होने के दौरान तेज रफ्तार से आ रही एक बाइक (UP41 BN 4862), जिसे बदोसराय थाने में तैनात सिपाही अजय कुमार चला रहा था, ने रोहित तिवारी को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भयानक थी कि रोहित तिवारी मौके पर ही बेहोश हो गए और सिपाही बाइक मौके पर छोड़कर फरार हो गया।

स्थानीय लोगों की मदद से घायल को जैदपुर सीएचसी और फिर जिला अस्पताल होते हुए रेनबो हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां जांच में उनके पैर में फ्रैक्चर की पुष्टि हुई और ऑपरेशन किया गया। इस दौरान अधिवक्ता मनोज तिवारी, जो घायल के बड़े भाई हैं, ने मामले की जानकारी पुलिस अधीक्षक को दी और न्याय की मांग की।

पीड़ित की बात अगर सही मानी जाए तो जैसे ही पुलिस कप्तान के सामने तहरीर दी गई, उसी दिन सिपाही अजय कुमार ने सफदरगंज पुलिस से सांठगांठ कर रोहित तिवारी के खिलाफ ही फर्जी तरीके से मुकदमा दर्ज करवा दिया। इस घटना से आक्रोशित होकर जिला बार एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री रितेश मिश्रा के नेतृत्व में अधिवक्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच और फर्जी मुकदमे को खत्म करने की मांग की।

इस मौके पर रितेश मिश्रा, अवध बिहारी, मोहम्मद ताहिर, मो. अल्तमश, अशफी अंसारी, शशिकांत अवस्थी, रामजीवन, मनोज कुमार तिवारी, बृजेश कुमार, मो. ज़ैद सहित तमाम अधिवक्ता मौजूद रहे।

जिला बार एसोसिएशन ने मांग की है कि घायल को न्याय मिले और आरोपी सिपाही के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। पुलिस कप्तान ने मामले की जांच कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।




 

Monday, 21 April 2025

*ई रिक्शा पर ही गाज क्यूं जबकि जनपद से होकर गुजरने वाली दर्जनों डग्गामार बसों की भी भरमार*

 


प्राइम भारत न्यूज

News desk- Rishabh Saini 


*100 ई रिक्शा से 30 हजार प्रतिमाह तक तो 5-6 हजार से हो सकने वाली संभावित लाखों की कमाई कहीं टार्गेट तो नही?*

बाराबंकी। हम नहीं सुधरेंगे की दौड़ में केवल देश की न्यायिक व्यवस्था ही डॉ अम्बेडकर द्वारा बनाए दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के संविधान का माखौल नहीं उड़ा रही बल्कि अब न्यायिक व्यवस्थाओं की शह पर कार्यपालिका के भी तमाम अंग बेलगाम गरीबों का खुलेआम उत्पीड़न कर रहे हैं बजाए कोई साफ- सुथरी व्यवस्था नई व्यवस्था के सापेक्ष कायम करने के। बताते चलें जानकारी अनुसार जनपद में ई रिक्शा की कुल संख्या 5-6 हजार के बीच है। जिसमें कुछ ने रिक्शा चलाकर नए नए आए ई रिक्शा में तत्कालीन व्यवस्था में कोई रजिस्ट्रेशन ना होने की बात पर अपनी खून पसीने व पेट काट कर बचाई कमाई लगाकर लोन पर ई रिक्शा खरीदा और परिवार पाल रहे थे। लेकिन जनपद की परजीवी व्यवस्था जो भ्रष्टाचार की प्रयाय है यानी वसूली भाई जो डग्गामार वाहनों से ठेलों से यूनियन की आड़ में प्रति माह लाखों मिलीी कर सूत्रों की मानें तो 50-50 प्रतिशत भ्रष्टाचारी प्रशासन पुलिस से मिलीभगर सामानांतर असंवैधानिक व्यवस्थाएं चालित हैं। जिन्होंने कई बार रेलवे स्टेशन सहित अन्य स्थानों पप ई रिक्शा वालों से वसूली का प्रयास भी किया था लेकिन मीडिया रिपोर्ट पर रायता फैलते देख मामला बैकफुट पर गया। तो इस बार टेर्रर फैलाने में जाम के नाम पर ई रिक्शा को सीज करना व चालान का जो अभियान के नाम पर नया ड्रामा चालू हुआ है उसके पीछे जहां हर महीने लाखों की कमाई का लॉलीपॉप पूरे सिस्टम को नीचे से उपर ऐसी राक्षसी मृगतृष्णा में जकड़ी नजर आ रही है कि उन्हे 4- 5 हजार मजदूरी के नाम पर ई रिक्शा चला संघर्ष कर परिवार पाल रहे लोगों की परेशानी नजर नहीं आ रही। 


( इनसेट )


*कैसे ई रिक्शा मालिक चुकाएं लोन प्रशासनिक हिटलरशाही में बड़ा सवाल*

बाराबंकी। बताते चले कि 1.5 से 3-4 लाख तक मिलने वाले ई रिक्शा वालों को चालक रोजाना जो किराए के नाम पर चालक देता है वो 3-4 सौ रुपए बैंक लोन चनकाने भर में कभी कभी पूरे नहीं पड़ते। तो चालक को भी 2-3 सौ ही सब काटकर कभी कभी ही बचते हैं। वो भी रोज नहीं कभी तबीयत खराब तो कभी चार्चिंग प्राब्लम। यानी महीने के 7-8 हजार रुपए भी मुश्किल से बचते हैं। उसमें घर चलाएं बच्चों को पढ़ाएं या दो टाईम भोजन की व्यवस्था कर ले बड़ी दिक्कत का काम है। घर के बच्चों को भी होटवों पर बर्तन मांजने पड़ते हैं और घर की लक्ष्मियों को दूसरे के घरों में चौका बर्तन करना पड़ता है तब जाकर कोई एक आध बच्चा पढ़ पाता है। जो भ्रष्टाचार की रोटी तोड़ रहे ई रिक्शा की कमाई में गिद्ध दृष्टि जमाए सफेदपोश जिम्मेदार अधिकारियों को नजर नहीं आ रहा। चूकि शास्त्रों में उद्धृत है कि 'जैसा अन्न वैसा मन'। कुछ ऐसे ई रिक्शा वाले भी हैं जिनकी मजबूरी ने उन्हें साहूकारों से कर्जा लेने पर मजबूर कर दिया। अब उनकी तो पूरी कमाई ही साहूकार का कर्जा पाटने में जा रहीं हैं। लेकिन इन  जनता की मेहनत की कमाई के दिए टैक्स से मिल रहे लाखों रुपए तनख्वाह लील रहे एसी मे ऐश कर रहे नौकरशाहों को नजर नहीं आ रहा। गरीब जनता जिसकी जिम्मेदारी इनके सर है व जिए चाहे मरे इनका क्या? ना तो जनता के मरने परेशान होने पर इनकी नौकरी जानी है और ना ही ही सजा मिलनी है। जिसका परिणाम है कि समाजसेवियों के सवाल उठाने, ई रिक्शा यूनियन के नाम पर खुले बने संगठन द्वारा एक सैकड़ा ई रिक्शा से प्रति ई रिक्शा 300 रुपए प्रतिमाह के हिसाब से 30 हजार वसूली भी हो गए, जो 4-5 हजार तक ट्रार्गेट एचीव होने तक 12-15 लाख प्रतिमाह की वसूली के दिवा स्वप्न में लगातार सवाल उठने के बावजूद सोमवार को तो हद ही हो गई जो प्रशासन के बड़े अधिकारी भी अभियान में जुट लोकतंत्र को अंग्रेजों द्वारा दिए गुलामी के डण्डे से रौंदते नजल आए। तमाम ई रिक्शा सोमवार को तो सीधे सीज करने की कार्रवाई करते पल्हरी चौराहे पर स्वयं सीओ नजर आए।

 

( इनसेट )

*एआरटीओ एवं सीओ की संयुक्त टीम ने किये  10 ई-रिक्शा सीज, 5 चालान* 

बाराबंकी। शहर में जिम्मेदारों की प्रारम्भिक लापरवाही में जरूरत से ज्यादा हो चुके ई रिक्शा को कम करने के चक्कर में या जो चर्चाओं में है कि प्रति माह प्रति रिक्शा 300 रुपए लाखों रुपए वसूलने के षडयन्त्र में बड़ी घाघ मछलियों यानी डग्गामार बसों ओवरलोड ट्रकों को छोड़ पूरा प्रशासन गरीब ई रिक्शा वालों के उत्पीड़न में नियम कायदे कानून की दुहाई देते बजाए बीच का रास्ता निकालने के अंग्रेजी हुकूमत की तर्ज पर ई रिक्शा दमन अभियान पर सोमवार को भी अनवरत रहा। शहर के व्यस्तम पल्हरी चौराहे पर सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी प्रशासन, प्रवर्तन श्रीमती अंकिता शुक्ला, क्षेत्राधिकारी आलोक पाठक की संयुक्त टीम ने ओवरलोड, बिना पंजीकरण, फिटनेस के संचालन करते मिलने पर 10 ई-रिक्शा को थाना मंड़ी मे बंद किया। तथा अन्य अभियोगो में 5 ई-रिक्शा के चालान किये। इस दौरान यातायात प्रभारी रामयतन यादव समेत परिवहन एवं यातायात स्टाफ मौजूद रहा।

*थाना देवा पुलिस की बड़ी कार्रवाई: चार वांछित गिरफ्तार, एक बाल अपचारी संरक्षण में*




प्राइम भारत न्यूज़ 

*अपराध पर सख्ती से क्षेत्र में बढ़ा जनविश्वास*

बाराबंकी। 21 अप्रैल, थाना देवा पुलिस ने प्रभारी निरीक्षक अजय कुमार त्रिपाठी के नेतृत्व में बड़ी कार्रवाई करते हुए चार वांछित अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है, साथ ही एक बाल अपचारी को संरक्षण में लिया गया है। पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, मु.अ.सं. 245/2025 धारा 115(2)/109 बीएनएस के अंतर्गत वांछित नवीन रावत पुत्र लवकुश (निवासी घुघेड़ा, थाना जहाँगीराबाद), रामप्रवेश रावत पुत्र छोटेलाल एवं आशा देवी पत्नी रामप्रवेश (दोनों निवासी मऊजानीपुर, थाना देवा) को गिरफ्तार किया गया है। इसी क्रम में मु.अ.सं. 238/2025 धारा 137(2)/87 बीएनएस के तहत वांछित अभियुक्त मो0 आकिब पुत्र मो0 अतीक (निवासी पारा, थाना गुडंबा, जनपद लखनऊ) को रेन्दुआ पल्हरी मोड़ के पास से दबोचा गया। इस दौरान एक बाल अपचारी को भी पुलिस ने संरक्षण में लिया। थाना देवा पुलिस की इस तत्परता ने अपराधियों में खौफ और आमजन में कानून व्यवस्था के प्रति विश्वास को और भी मजबूत किया है। क्षेत्रीय नागरिकों ने पुलिस की इस कार्रवाई की सराहना की है।

बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे 10 ई-रिक्शा और 7 ओवरलोड वाहन सीज


 प्राइम भारत न्यूज़

न्यूज़ डेस्क : ऋषभ सैनी

बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे 10 ई-रिक्शा और 7 ओवरलोड वाहन सीज, उठे सवाल — कहीं मैटाडोर-टैम्पो वसूली की तर्ज़ पर ठेकेदारी तलाशने की कवायद तो नहीं?

बाराबंकी।

जनपद में सड़क पर यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के नाम पर एक बार फिर परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस ने ई-रिक्शा चालकों के खिलाफ अभियान छेड़ दिया। सोमवार को सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी की अगुवाई में पुलिस व ट्रैफिक पुलिस ने बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे 10 ई-रिक्शा और 7 ओवरलोड वाहनों को सीज कर दिया।

हालांकि इस कार्रवाई के पीछे असली मकसद जाम की समस्या बताया जा रहा है, लेकिन जानकारों का कहना है कि इसके पीछे कहीं न कहीं वसूली का खेल फिर से नया ठेका ढूंढने की कोशिश तो नहीं?


जनपद में खुला ई-रिक्शा संगठन का नया कार्यालय भी बना चर्चा का विषय

रविवार को ही जनपद में एक नए ई-रिक्शा चालक-मालिक संगठन के कार्यालय का उद्घाटन हुआ, जहां करीब एक सैकड़ा ई-रिक्शा चालकों को ₹300 प्रति माह सदस्यता शुल्क लेकर आई कार्ड वितरित किए गए। साथ ही ई-रिक्शा चलाते समय आई कार्ड पहनने के निर्देश भी जारी कर दिए गए।

अब सवाल उठता है कि अगर ई-रिक्शा चालक ही यातायात व्यवस्था बिगाड़ रहे हैं तो फिर सदस्यता शुल्क वसूली और आई कार्ड देकर उनसे वसूली का रास्ता क्यों खोला जा रहा है?


क्या फिर सक्रिय हो रही है ‘हफ्ता वसूली यूनियन’?

सूत्रों की मानें तो जनपद में पहले से ही डग्गामार वाहनों — मैटाडोर, बस, टैम्पो से हफ्ता वसूली करने वाली एक दबंग यूनियन का अस्तित्व वर्षों से है। यह यूनियन जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से वसूली का बड़ा सिंडिकेट चला रही है। अब जब ई-रिक्शा से वसूली की कोशिश पहले दबंगई से असफल रही, तो अब नियम-कायदे की आड़ में नए तरीके से वसूली के लिए संगठित कवायद की जा रही है।


ई-रिक्शा चालकों की माने तो नई बनी यूनियन ₹300 प्रति रिक्शा सदस्यता शुल्क और आई कार्ड के नाम पर महीने भर में लाखों की वसूली करेगी। वर्तमान में लगभग एक सैकड़ा रिक्शा चालकों से ही ₹30,000 से अधिक की रकम जमा हो चुकी है।

अगर यही रफ्तार रही तो आने वाले समय में हजार रिक्शों से महीने का ₹3 लाख तक वसूला जा सकेगा। जाहिर है इतनी मोटी रकम पर जिम्मेदारों और जनप्रतिनिधियों की निगाह न लगे, यह कैसे मुमकिन है?


डग्गामार वाहनों पर कार्रवाई क्यों नहीं?

विचारणीय सवाल यह भी है कि लखनऊ और आसपास के जनपदों से बड़ी संख्या में डग्गामार वाहन बिना किसी रोक-टोक के बाराबंकी में धड़ल्ले से आ-जा रहे हैं। उन पर कार्रवाई नहीं होती। इसका एक कारण ये माना जा रहा है कि उन बसों और टैम्पों के पीछे रसूखदार और जिम्मेदारों की मिलीभगत होती है, जिनसे पंगा लेना आसान नहीं।


अभियान की तेजी के पीछे आखिर वजह क्या?

सड़क किनारे लगने वाले ठेले, पटरी दुकानदार और अनधिकृत कब्जों पर कोई कार्रवाई न कर ई-रिक्शा चालकों पर सख्ती दिखाना कहीं न कहीं सवाल खड़े करता है। क्योंकि जानकारी के अनुसार इन ठेलों व फुटपाथ कब्जेदारों से भी एक निश्चित राशि हफ्ता वसूली के रूप में जाती है, जिसमें कुछ जनप्रतिनिधियों और जिम्मेदारों की हिस्सेदारी होती है।


लर्निंग लाइसेंस कैम्प की पुरानी कहानी भी आई चर्चा में

पुरानी घटनाओं की बात करें तो जब जिले में नए उपनिरीक्षकों की तैनाती हुई थी, तो निवर्तमान एसपी के एक फोन पर ही लर्निंग लाइसेंस के लिए कैम्प लगाकर हफ्ते भर में दर्जनों लाइसेंस बना दिए गए थे। लेकिन अब गरीब ई-रिक्शा चालकों के लिए कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा।


निष्कर्ष

ई-रिक्शा गरीब तबके का सहारा है। जब बस और टैम्पों के पीछे बड़े लोगों का हाथ हो और ई-रिक्शा चालक को ही हर बार निशाना बनाया जाए तो सवाल उठना लाजमी है। अभियान के पीछे छिपे उद्देश्यों की परतें खुलेंगी या नहीं — यह तो आने वाला वक्त बताएगा।


प्राइम भारत न्यूज़ इस पूरे मामले पर लगातार अपनी पैनी नजर बनाए हुए है और जनता की आवाज को यूं ही मुखर करता रहेगा।


न्यूज़ डेस्क : ऋषभ सैनी

किसान नेताओं ने गरीब छात्राओं को चौकी इंचार्ज के प्रयास पर भेंट की नई साइकिलें

 प्राइम भारत न्यूज़ 

News desk: ऋषभ सैनी

सिविल चौकी इंचार्ज की दिखी इंसानियत, लोगों ने की जमकर तारीफ

किसान नेताओं ने गरीब छात्राओं को चौकी इंचार्ज के प्रयास पर भेंट की नई साइकिलें


बाराबंकी।

कोतवाली नगर क्षेत्र के बस अड्डा स्थित सिविल चौकी इंचार्ज संजय कुमार यादव ने एक बार फिर अपने मानवीय और जनहितकारी कार्य से क्षेत्र में मिसाल पेश की है। उनकी इस नेक पहल की हर तरफ सराहना हो रही है। समाजसेवी और किसान संगठनों ने भी इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और दो गरीब छात्राओं को नई साइकिल प्रदान कर उन्हें पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया।


जानकारी के अनुसार, रेलवे स्टेशन मार्ग पर स्थित जवाहर लाल महाविद्यालय में पढ़ने वाली बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा सीता पुत्री सुरेश निवासी ग्राम जहांगीराबाद तथा बीए तृतीय वर्ष की छात्रा कोमल पुत्री लखन्दर निवासी ग्राम जरहरा, कोतवाली नगर, अपनी परीक्षा के दौरान अपनी साइकिलें कहीं गुम कर बैठीं। इस घटना से दोनों छात्राएं काफी परेशान हो गईं।


पास-पड़ोस के लोगों ने साइकिल तलाशने का प्रयास भी किया, लेकिन जब बात सिविल चौकी तक पहुंची तो चौकी इंचार्ज संजय कुमार यादव ने तुरंत मौके पर पहुंचकर छात्राओं से बातचीत की। जब उन्हें पता चला कि दोनों गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं और उनकी पढ़ाई पर इस घटना का असर पड़ सकता है, तो उन्होंने समाजसेवियों और किसान संगठनों से संपर्क कर मदद की पहल की।


इसी कड़ी में भारतीय किसान मजदूर यूनियन (दशहरी) के जिलाध्यक्ष बाराबंकी निहाल अहमद सिद्दीकी ने छात्राओं की मदद का भरोसा दिलाया। सोमवार को निहाल सिद्दीकी के नेतृत्व में यूनियन के प्रदेश सचिव, अयोध्या मंडल उपाध्यक्ष मोहम्मद जुनेद, एडवोकेट आसिफ सभासद, समाजसेवी नजर व अन्य पदाधिकारियों ने दोनों छात्राओं को नई साइकिलें भेंट की।


नई साइकिल पाकर दोनों छात्राओं के चेहरों पर जो खुशी देखने को मिली, उसने वहां मौजूद सभी लोगों को भावुक कर दिया। इस अवसर पर निहाल सिद्दीकी ने कहा कि —

"छात्राओं की खुशी देखकर जो आत्मसंतोष और फीलगुड का अनुभव हुआ, उसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है। शिक्षा के क्षेत्र में ऐसे छोटे-छोटे प्रयास समाज में बड़ा सकारात्मक संदेश देते हैं।"


इस मौके पर चौकी इंचार्ज संजय यादव, यूनियन के अयोध्या मंडल महामंत्री सुशील कुमार यादव, मंडल प्रवक्ता गुलजार वारसी, रंजीत कुमार, मोहम्मद हारून, मोहम्मद दानिश, सिविल चौकी स्टाफ और तमाम समाजसेवी भी उपस्थित रहे।


सभी ने एकमत होकर सिविल चौकी इंचार्ज संजय कुमार यादव और किसान यूनियन की इस पहल की सराहना की और कहा कि ऐसे मानवीय प्रयास समाज को नई दिशा देने का काम करते हैं।


प्राइम भारत न्यूज़ अपनी तरफ से भी इस सराहनीय कार्य के लिए चौकी इंचार्ज व किसान संगठनों को बधाई देता है और आशा करता है कि भविष्य में भी इसी तरह जरूरतमंदों की मदद के लिए सामाजिक एकजुटता बनी रहेगी।

 

होर्डिंग व बोर्ड को हटाने के लिए विशेष अभियान चलाया गया।


 बाराबंकी। प्राइम भारत न्यूज़।


जिले में नगर पालिका परिषद नवाबगंज और नगर पंचायत प्रशासन द्वारा रविवार को अवैध तरीके से शहर व कस्बों के मुख्य मार्गों के किनारे और स्ट्रीट लाइट के पोल पर लगाए गए होर्डिंग व बोर्ड को हटाने के लिए विशेष अभियान चलाया गया।


नगर विकास विभाग के निर्देश पर तीन दिवसीय अभियान की शुरुआत नवाबगंज नगर के मुख्य मार्ग स्थित टेस्टीबाइट से की गई। इस अभियान में नगर पालिका नवाबगंज और जिले की सभी नगर पंचायतों के कर्मचारियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। सैकड़ों की संख्या में सड़क किनारे लगे अवैध होर्डिंग और बोर्डों को हटाकर नगर पालिका कर्मचारियों ने उन्हें अपने कब्जे में ले लिया।


प्राइम भारत न्यूज़ को नगर पालिका परिषद नवाबगंज से मिली जानकारी के अनुसार, जिले की सभी नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारी (ईओ) और अन्य कर्मचारीगण अपने-अपने क्षेत्र में मौजूद रहकर इस कार्यवाही को अंजाम दे रहे हैं।


नगर पालिका परिषद नवाबगंज के ईओ ने बताया कि सार्वजनिक स्थलों, पोल और मुख्य मार्गों पर बिना अनुमति लगाए गए विज्ञापन बोर्डों, पोस्टर व होर्डिंग्स से शहर की छवि पर विपरीत प्रभाव पड़ता है, साथ ही यातायात व्यवस्था भी प्रभावित होती है। इसी कारण शासन के निर्देश पर सख्ती से इन्हें हटाने की कार्यवाही की जा रही है।


इस तीन दिवसीय विशेष अभियान के तहत हर नगर पंचायत अपने क्षेत्र में लगे अवैध विज्ञापनों, पोस्टरों और होर्डिंग्स की सूची बनाकर उन्हें हटाने की प्रक्रिया में जुटी है।


नगर प्रशासन ने आमजन और व्यापारियों से भी अपील की है कि वे बिना अनुमति किसी भी सार्वजनिक स्थल पर विज्ञापन सामग्री न लगाएं, अन्यथा उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।


प्राइम भारत न्यूज़ की न्यूज़ डेस्क के अनुसार, इस तरह के अभियान से शहर का सौंदर्यीकरण भी होगा और आम नागरिकों को स्वच्छ व व्यवस्थित वातावरण मिल सकेगा।

भारतीय किसान यूनियन भानु से हारून बने नगर अध्यक्ष

  प्राइम भारत न्यूज  न्यूज डेस्क _ ऋषभ सैनी  बाराबंकी। भारतीय किसान यूनियन भानु के मंडल कार्यालय पर मंडल अध्यक्ष रवि वर्मा की अध्यक्षता में ...