वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को पसमान्दा मुस्लिम संगठन ने बताया सुधारात्मक कदम, महिलाओं और जरूरतमंद तबकों के लिए नए प्रावधान
प्राइम भारत न्यूज
न्यूज डेस्क _ऋषभ सैनी
बाराबंकी। केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तावित वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार की दिशा में एक अहम कदम बताया गया है। आल इंडिया पसमान्दा मुस्लिम महाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसीम राईन ने इसे एक जरूरी और सकारात्मक बदलाव करार दिया है, जो वक्फ संपत्तियों के पारदर्शी, जिम्मेदार और जनहितकारी उपयोग को सुनिश्चित करेगा।
वसीम राईन ने कहा कि वक्फ संपत्तियाँ मुस्लिम समुदाय के धार्मिक, शैक्षणिक और सामाजिक कल्याण का आधार रही हैं, लेकिन समय के साथ इनके प्रबंधन में अनियमितता, अतिक्रमण और विवाद बढ़े हैं। नया विधेयक इस दिशा में सुधार लाने का कार्य करेगा।उन्होंने बताया कि विधेयक के जरिए अब वक्फ बोर्डों को किसी भी संपत्ति को मनमाने ढंग से वक्फ घोषित करने से रोका जाएगा, जिससे गैर-मुस्लिमों की संपत्तियों पर अनुचित दावे नहीं किए जा सकेंगे। इसके अलावा, संपत्तियों का डिजिटलीकरण, ऑनलाइन रिकॉर्ड, और वार्षिक ऑडिट जैसे प्रावधानों को अनिवार्य बनाया गया है, ताकि पूरी प्रणाली पारदर्शी और उत्तरदायी बन सके।महिलाओं के अधिकारों पर विशेष ज़ोर देते हुए वसीम राईन ने बताया कि विधवा और तलाकशुदा महिलाओं के लिए आर्थिक सहायता, शिक्षा, कौशल विकास और कानूनी मदद जैसी सुविधाओं का प्रस्ताव है। वक्फ संपत्ति से जुड़े विवादों में महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए अलग कानूनी सहायता केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे।उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि वक्फ संपत्तियों से होने वाली आमदनी का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और रोजगार जैसे बुनियादी क्षेत्रों में हो। साथ ही, शिया, सुन्नी, बोहरा, अघाखानी और पिछड़े वर्गों को वक्फ बोर्डों में प्रतिनिधित्व देकर निर्णय प्रक्रिया को समावेशी बनाया गया है।राईन ने विश्वास जताया कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के संरक्षण और उनके सही उपयोग की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।
No comments:
Post a Comment