Wednesday, 30 April 2025

भारतीय किसान यूनियन भानु से हारून बने नगर अध्यक्ष


 प्राइम भारत न्यूज 

न्यूज डेस्क _ ऋषभ सैनी 


बाराबंकी। भारतीय किसान यूनियन भानु के मंडल कार्यालय पर मंडल अध्यक्ष रवि वर्मा की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। बैठक का संचालन मंडल महामंत्री खालिद खान एवं जिला अध्यक्ष राधेरमन वर्मा द्वारा किया गया।इस बैठक में संगठन के पदाधिकारियों ने सर्वसम्मति से हारून को नगर अध्यक्ष के पद पर नियुक्त किया। इस मौके पर मंडल अध्यक्ष रवि वर्मा ने कहा कि, "नगर अध्यक्ष की जिम्मेदारी अब हारून को दी गई है। हमें विश्वास है कि वह इस दायित्व को पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निभाते हुए जनहित में कार्य करेंगे।"

मंडल महामंत्री खालिद खान ने बताया कि नगर अध्यक्ष के रूप में हारून की प्राथमिकता नगर क्षेत्र में फैलते नशे के कारोबार और अवैध अस्पतालों पर निगरानी रखना होगी। उन्होंने कहा कि, "युवा पीढ़ी को नशे से बचाना और गरीबों को अवैध वसूली से राहत दिलाना हमारी प्राथमिकता है।इस बैठक में संगठन के तमाम वरिष्ठ पदाधिकारी युवा जिला अध्यक्ष देशराज वर्मा मंडल मंत्री अमरेंद्र यादव मंडल सचिव रोहित कुमार, समाजसेवी सोनू शर्मा, एडवोकेट सुनील यादव, और कार्यकर्ता राशिद खान, जफर, मौला, उपस्थित रहे। जिन्होंने नए नगर अध्यक्ष को शुभकामनाएं दीं और संगठन को मजबूत बनाने के लिए सहयोग का आश्वासन दिया।




Tuesday, 29 April 2025

बाराबंकी में ‘मौत के अड्डे’ बन चुके अवैध अस्पताल! समाज सेविका की जंग से खुली सच्चाई

 

कानून ताक पर, ज़िंदगियां खतरे में—प्रशासनिक चुप्पी पर उठे सवाल

न्यू सहारा, नोबेल, अर्पण जैसे निजी अस्पतालों पर नियम तोड़ने और मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ का आरोप; प्रिया सिंह की शिकायत से हड़कंप, क्या अब जागेगा प्रशासन?


 प्राइम भारत न्यूज

न्यूज डेस्क _ मोहम्मद अहमद 


बाराबंकी।  उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम बृजेश पाठक की कथित सख्ती के बीच बाराबंकी के कई निजी अस्पताल नियम-कानून को ताक पर रखकर मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। इस गंभीर मुद्दे को समाज सेविका प्रिया सिंह ने साहस के साथ उजागर किया है। उन्होंने जिले के कई अस्पतालों—जैसे न्यू सहारा, नोबेल, अर्पण, सहयोग, और ग्लोब हॉस्पिटल—के खिलाफ मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को विस्तृत शिकायत देकर प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया है।प्रिया सिंह की शिकायत में इन अस्पतालों पर कई कानूनों के उल्लंघन का आरोप है, जिनमें दिव्यांगजन अधिनियम 2016, बायोमेडिकल वेस्ट नियम 2016, PC-PNDT अधिनियम 1994, राष्ट्रीय भवन संहिता 2016, क्लिनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट 2010, पर्यावरण अधिनियम 1986, और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 शामिल हैं। इन अस्पतालों में रैंप का अभाव, बायोमेडिकल कचरे का खुले में निस्तारण, PC-PNDT प्रमाणपत्र की कमी, फायर एनओसी न होना, मानकविहीन कमरे-बेड, पार्किंग की अनुपस्थिति, अप्रशिक्षित स्टाफ, प्रदूषण लाइसेंस की कमी, और अवैध दवा दुकानों का संचालन जैसे गंभीर लापरवाही के मामले सामने आए हैं। ये अस्पताल बीमा धारकों से मनमानी फीस वसूल रहे हैं, जिसके चलते मातृ-शिशु मृत्यु दर और संक्रामक रोगों में इजाफा हो रहा है।पिछले साल फतेहपुर के एक निजी अस्पताल में एक गर्भवती महिला की मौत की घटना ने इन अस्पतालों की लापरवाही को सुर्खियों में लाया था। पहले इन अस्पतालों को निलंबित डिप्टी सीएमओ डॉ. राजीव दीक्षित का संरक्षण प्राप्त था, जिन्हें मार्च 2025 में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने रिश्वतखोरी के एक मामले में निलंबित किया था। दीक्षित के निलंबन के बाद भी इन अस्पतालों का बेरोकटोक संचालन जारी है, जिससे प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।प्रिया सिंह ने अपनी शिकायत में मांग की है कि इन अस्पतालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई हो, जिसमें 48 घंटे में संचालन पर रोक, प्रत्येक अस्पताल पर ₹15 लाख का जुर्माना, कानूनी मुकदमे, पंजीकरण रद्द करना, 7 दिन में ऑडिट, और 10 दिन में जांच रिपोर्ट शामिल है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वह जनहित याचिका के माध्यम से उच्च न्यायालय का रुख करेंगी। उनकी इस पहल ने स्थानीय निवासियों में उम्मीद जगाई है। हैदरगढ़ के निवासी अजय वर्मा ने कहा, “प्रिया जी ने हमारी आवाज को बुलंद किया है। अब प्रशासन को जवाब देना होगा।”बाराबंकी में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली कोई नई बात नहीं है। पिछले कुछ महीनों में देवा शरीफ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों को बाहर से दवाएं खरीदने की शिकायतें और अन्य अनियमितताएं सामने आई थीं। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने तब कार्रवाई का आश्वासन दिया था, लेकिन हालात जस के तस हैं। प्रिया सिंह ने कहा, “मैं सिर्फ इतना चाहती हूं कि मरीजों की जान सुरक्षित रहे और कानून का पालन हो। प्रशासन को अब जागना होगा।






वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता लाने की तैयारी, महिलाओं को मिलेगा विशेष लाभ


 

वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को पसमान्दा मुस्लिम संगठन ने बताया सुधारात्मक कदम, महिलाओं और जरूरतमंद तबकों के लिए नए प्रावधान


   प्राइम भारत न्यूज 

न्यूज डेस्क _ऋषभ सैनी


बाराबंकी। केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तावित वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार की दिशा में एक अहम कदम बताया गया है। आल इंडिया पसमान्दा मुस्लिम महाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसीम राईन ने इसे एक जरूरी और सकारात्मक बदलाव करार दिया है, जो वक्फ संपत्तियों के पारदर्शी, जिम्मेदार और जनहितकारी उपयोग को सुनिश्चित करेगा।

वसीम राईन ने कहा कि वक्फ संपत्तियाँ मुस्लिम समुदाय के धार्मिक, शैक्षणिक और सामाजिक कल्याण का आधार रही हैं, लेकिन समय के साथ इनके प्रबंधन में अनियमितता, अतिक्रमण और विवाद बढ़े हैं। नया विधेयक इस दिशा में सुधार लाने का कार्य करेगा।उन्होंने बताया कि विधेयक के जरिए अब वक्फ बोर्डों को किसी भी संपत्ति को मनमाने ढंग से वक्फ घोषित करने से रोका जाएगा, जिससे गैर-मुस्लिमों की संपत्तियों पर अनुचित दावे नहीं किए जा सकेंगे। इसके अलावा, संपत्तियों का डिजिटलीकरण, ऑनलाइन रिकॉर्ड, और वार्षिक ऑडिट जैसे प्रावधानों को अनिवार्य बनाया गया है, ताकि पूरी प्रणाली पारदर्शी और उत्तरदायी बन सके।महिलाओं के अधिकारों पर विशेष ज़ोर देते हुए वसीम राईन ने बताया कि विधवा और तलाकशुदा महिलाओं के लिए आर्थिक सहायता, शिक्षा, कौशल विकास और कानूनी मदद जैसी सुविधाओं का प्रस्ताव है। वक्फ संपत्ति से जुड़े विवादों में महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए अलग कानूनी सहायता केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे।उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि वक्फ संपत्तियों से होने वाली आमदनी का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और रोजगार जैसे बुनियादी क्षेत्रों में हो। साथ ही, शिया, सुन्नी, बोहरा, अघाखानी और पिछड़े वर्गों को वक्फ बोर्डों में प्रतिनिधित्व देकर निर्णय प्रक्रिया को समावेशी बनाया गया है।राईन ने विश्वास जताया कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के संरक्षण और उनके सही उपयोग की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।

Monday, 28 April 2025

महिलाओं से बहस करना विद्युत कर्मचारी को पड़ा भारी, तत्काल निलंबन

 बाराबंकी (नवाबगंज)। विद्युत वितरण खंड नवाबगंज के घोसियाना स्थित अधिशासी अभियंता कार्यालय में सोमवार अपराह्न करीब 3 बजे ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी द्वारा महिलाओं से बहस करना महंगा पड़ गया। विभागीय अनुशासन के उल्लंघन के आरोप में कर्मचारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, अधिशासी अभियंता सुभाष चन्द्रा ने दो अज्ञात महिलाओं के साथ लेनदेन को लेकर कार्यालय के आरसी कक्ष में तैनात विकास श्रीवास्तव द्वारा की गई बहसबाजी को गंभीरता से लिया। मामले की जांच कराई गई, जिसमें कर्मचारी का दोष सिद्ध होने पर उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। साथ ही निर्देश दिया गया कि जीवन निर्वाह भत्ता भुगतान के लिए विकास श्रीवास्तव को यह प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा कि वह निलंबन अवधि में किसी अन्य सेवा, व्यवसाय अथवा वृत्ति में संलग्न नहीं रहेगा।

बताया जा रहा है कि कहासुनी के चलते कार्यालय परिसर में काफी भीड़ एकत्र हो गई थी, जिससे अन्य कार्यालयीन कार्य भी काफी देर तक बाधित रहे। घटना के बाद विभाग में हड़कंप मच गया और अनुशासन बनाए रखने के निर्देश जारी किए गए हैं।

पहलगाम हमले के विरोध में हिंदू राष्ट्र शक्ति की आक्रोश यात्रा पाकिस्तान का पुतला दहन


प्राइम भारत न्यूज 

न्यूज डेस्क _ मोहम्मद अहमद


बाराबंकी में  कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध में हिंदू राष्ट्र शक्ति संगठन ने रविवार को बाराबंकी के सिद्धौर में एक विशाल आक्रोश यात्रा निकाली। संगठन के जिला अध्यक्ष शिवम सिंह के नेतृत्व और सिद्धौर नगर इकाई के अध्यक्ष दीना रावत की अगुवाई में आयोजित इस यात्रा में हजारों स्थानीय लोग और संगठन के कार्यकर्ता शामिल हुए। यात्रा सिद्धेश्वर मंदिर से शुरू होकर मिल चौराहे तक पहुंची, जहां पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई और पुतला दहन किया गया।यात्रा की शुरुआत सिद्धेश्वर मंदिर से हुई, जहां बड़ी संख्या में युवाओं ने एकत्र होकर पाकिस्तान के खिलाफ हुंकार भरी। स्थानीय पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कार्यकर्ता मशालें लेकर मिल चौराहे की ओर बढ़े। इस दौरान "पाकिस्तान मुर्दाबाद" और "भारत माता की जय" जैसे गगन भेदी नारे गूंजते रहे। स्थानीय लोगों ने भी बढ़-चढ़कर यात्रा में हिस्सा लिया और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई।हिंदू राष्ट्र शक्ति के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह अन्नू ने कहा, "पहलगांव में हुआ हमला न केवल कश्मीर पर, बल्कि पूरे हिंदुस्तान की एकता पर प्रहार है। हम पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं और केंद्र सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं।" अयोध्या मंडल अध्यक्ष अभिषेक सिंह ने भी केंद्र से आतंकवाद के खिलाफ मील चौराहे पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान और आतंकवाद का पुतला जलाया और आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश दिया।स्थानीय पुलिस ने यात्रा के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए व्यापक इंतजाम किए थे। प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा और किसी भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली। इस आक्रोश यात्रा ने न केवल पहलगांव हमले के प्रति लोगों के गुस्से को व्यक्त किया, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का संदेश भी दिया।



Sunday, 27 April 2025

निकायों से अवैध होर्डिंग्स-बैनर हटाने के अभियान में हटीं 4059 अवैध होर्डिंग्स-बैनर

 


  प्राइम भारत न्यूज

न्यूज डेस्क _ ऋषभ सैनी 

 

बाराबंकी। मुख्य मार्गों पर लगे स्ट्रीट लाइट के पोल पर विभाग की अनुमति के बिना लगाए गए तमाम होर्डिग बोर्ड को उतारने के सभी नगर निकायों में जारी 7 दिवसीय अभियान के अंतिम दिन भी हटायी गईं तमाम बैनर वा होर्डिंग्स। 

बताते चलें कि नगर पालिका नवाबगंज और जिले की सभी नगर पंचायतों के कर्मचारियों ने सैकड़ों पोल पर लगे होर्डिंग बोर्ड को हटाकर अपने कब्जे में ले लिए। नगर पालिका परिषद नवाबगंज के अधिशाषी अधिकारी संजय शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि अभियान के तहत नगर पालिका नबाबगंज सहित जिले की सभी नगर पंचायतों में अबतक 4059 अवैध होर्डिंग्स व बैनर हटाये जा चुके है। इसी माह की बीती 20 अप्रैल से इस अभियान की शुरुआत नगर पालिका परिषद नवाबगंज और जिले की सभी 13 नगर पंचायतों में एक साथ हुई थी। जिसके क्रम में जिले की सभी 13 नगर पंचायतों में अभियान पूरा कर लिया गया है। परंतु नगर पालिका परिषद नवाबगंज में एक दो दिन यह अभियान और चलेगा।


पारदर्शिता और सामाजिक न्याय की ओर एक कदम है वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 : वसीम राईन

प्राइम भारत न्यूज

न्यूज डेस्क_ ऋषभ सैनी 



बाराबंकी। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 एक स्वागतयोग्य पहल है, जिसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को पारदर्शी, उत्तरदायी और समावेशी बनाना है। भारत में वक्फ संपत्ति का उपयोग मुस्लिम समुदाय के धार्मिक, शैक्षणिक और सामाजिक कल्याण के लिए किया जाता रहा है। 
परंतु बीते वर्षों में इसमें भ्रष्टाचार, अतिक्रमण और अधिकारों के उल्लंघन की कई घटनाएं सामने आई हैं।
विधेयक वक्फ बोर्डों को मनमाने ढंग से संपत्तियों को 'वक्फ' घोषित करने से रोकने के लिए स्पष्ट नियम लाता है। यह सुनिश्चित करता है कि गैर-मुस्लिमों की संपत्तियों पर अनुचित दावे न किए जाएं, जैसा कि तमिलनाडु, बिहार और केरल में हाल ही में हुआ। डिजिटलीकरण, संपत्ति का ऑनलाइन रिकॉर्ड और नियमित लेखा-परीक्षण वक्फ प्रबंधन को पारदर्शी बनाएंगे। 
महिलाओं को विधेयक में विशेष महत्व दिया गया है। विधवा और तलाकशुदा महिलाओं को आर्थिक सहायता, छात्रवृत्ति, कौशल विकास और कानूनी सहायता जैसे उपायों से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया गया है। उत्तराधिकार विवादों में महिलाओं की हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए कानूनी सहायता केंद्रों की स्थापना भी प्रस्तावित है। 
विधेयक न केवल वक्फ संपत्तियों की रक्षा करता है, बल्कि उसका लाभ गरीबों और जरूरतमंदों तक पहुंचे, यह भी सुनिश्चित करता है। इसका उद्देश्य है कि वक्फ की आय का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और रोजगार में हो। इसके लिए बेहतर लेखा व्यवस्था, पारदर्शिता और प्रशासनिक समन्वय को अनिवार्य बनाया गया है। 
साथ ही, सभी संप्रदायों को वक्फ बोर्डों में प्रतिनिधित्व देकर निर्णय-प्रक्रिया को समावेशी बनाने की पहल भी की गई है। शिया, सुन्नी, बोहरा, अघाखानी और पिछड़े वर्गों से प्रतिनिधि जोड़कर यह सुनिश्चित किया गया है कि हर समुदाय की आवाज़ सुनी जाए।
संक्षेप में, वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 वक्फ संपत्तियों को धार्मिक भावना के अनुरूप और जनकल्याण के उद्देश्य से उपयोग में लाने की दिशा में एक मील का पत्थर है। यह कानूनी और प्रशासनिक सुधारों के ज़रिए वक्फ संस्थाओं को एक प्रगतिशील, निष्पक्ष और उत्तरदायी ढांचा प्रदान करता है।


 

भारतीय किसान यूनियन भानु से हारून बने नगर अध्यक्ष

  प्राइम भारत न्यूज  न्यूज डेस्क _ ऋषभ सैनी  बाराबंकी। भारतीय किसान यूनियन भानु के मंडल कार्यालय पर मंडल अध्यक्ष रवि वर्मा की अध्यक्षता में ...