प्राइम भारत न्यूज
न्यूज डेस्क _ ऋषभ सैनी
मसौली, बाराबंकी। जर-जोरू-जमीन मतलब झगड़े की जड़ और यह तमाम कठोर कानून व व्यवस्थाओं के बाद भी नहीं बदल पाया। सामने आए मामले में जारी चर्चाओं की माने तों क्लीनिक पर काम कर रहीं नर्स से निरंतर मिलने आने वाले दो-तीन युवकों को रोकना इतना महंगा पड़ जाएगा यह चिकित्सक ने स्वप्न में भी नहीं सोचा था। एतराज करने पर नर्स ने तो अपना अलग क्लीनिक जारी रामराज्य व स्वास्थ्य विभाग के चलते खोल लिया पर शनिवार रात्रि चिकित्सक की अज्ञात हमलावरों ने निर्ममता से पीटपीटकर हत्या कर दी। सूचना पर पहुंची मुकामी पुलिस चिकित्सक को लेकर सीएचसी पहुंची तो जांच में चिकित्सकों ने उसे मृत्य तस्दीक किया। सूचना पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय, अपर पुलिस अधीक्षक विकास श्रीवास्तव, क्षेत्राधिकारी गरिमा पंथ ने घटनास्थल का जायजा लिया तथा मसौली पुलिस ने करीब एक दर्जन से अधिक लोगो को थाने लाकर पूछताछ कर रही है।
प्राप्त जानकारी अनुसार मसौली थाना क्षेत्र के ग्राम डडियामऊ निवासी 23 वर्षीय सत्येंद्र कुमार उर्फ़ ओमप्रकाश पुत्र गंगा प्रसाद विश्वकर्मा फार्मेसिस्ट का कोर्स करने के बाद बीते एक वर्ष से ग्राम मलौली मे विश्वकर्मा मेडिकल स्टोर एव फार्मा क्लिनिक का 24 घंटे संचालित अस्पताल चला रहा था। जानकारी अनुसार बीती मध्य रात्रि करीब साढ़े 11 बजे कुछ अज्ञात हमलावारो ने शटर को खुलवाते ही डाक्टर सत्येंद्र कुमार पर लाठी डंडो से हमला बोल दिया। जानकर बचाकर भागे डाक्टर को दौड़ा दौड़ा कर हमलावारो ने पीटपीटकर मरणासन्न कर दिया। इस दौरान डाक्टर को बचाने की कोशिश करने वाले दिव्यांग विवेक नाग उर्फ़ बेल को भी हमलावरों ने नहीं बख्शा व कई लाठियां मार जखमीं कर दिया। विवेक के चिल्लाने पर जब तक ग्रामीण दौड़ कर मौके पर पहुंचे तब तक हमलावर फरार हो गये। सूचना पर पहुंचे प्रभारी निरीक्षक सुधीर कुमार सिंह एव उनकी टीम आनन फानन में जब मरणासन्न सत्येंद्र को जिला अस्पताल पहुंचे जहां चिकित्स्कों ने उसे मृत पाया।
जानकारी गांव पहुंचने पर वहां कोहराम मच गया। मृमृतक सत्येंद्र कुमार तीन सगे भाई शैलेन्द्र व देवेश कुमार थे जिसमे मृतक सबसे बड़ा होने के कारण घर की सारी जिम्मेदारी मृतक के कंधो पर थी तथा तीन बहनो मे दो बहनो की शादी हो चुकी थी तथा छोटी बहन संगीता की शादी की जिम्मेदारी थी घर की वड़ी संतान की हुई हत्या से पूरे घर मे कोहराम मचा हुआ है और लोगो का रो रो कर बुरा हाल है।
फार्मासिस्ट चिकित्सक सत्येंद्र कुमार के पिता गंगाप्रसाद ने तहरीर मे अपने चचेरे भाइयो लाल बहादुर, नंद किशोर, संतलाल, राजेंद्र प्रसाद पुत्रगण राम आसरे व लालबहादुर के पुत्र अर्पित उर्फ़ कल्लू, विनय व प्रदम पुत्रगण संतलाल सहित कुछ दिन पूर्व मृतक की क्लिनिक पर काम करने वाली कथा कथित नर्स नायरा पुत्री अयोध्या प्रसाद निवासी ग्राम इल्मासगंज के साथ आकाश यादव व विवेक यादव पुत्रगण रामविलास निवासी चपरी मजरे भयारा द्वारा हत्या किये जाने की आशंका जाहिर करते हुए नामजद तहरीर पुलिस को दी है।
प्रभारी निरीक्षक सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि मृतक के पिता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है तथा शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया शक के आधार पर कुछ लोगो थाने पर् लाकर पूछताछ की जा रही है तथा क्लिनिक पर लगे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जाँच की जा रही है जल्द से जल्द हत्या का खुलासा किया जायेगा।
इनसेट
नर्स के मिलने वालों को क्लीनिक पर मिलने से रोकना भी हो सकती है वजह
मसौली। ग्रामीण इलाका होने के कारण मलौली गांव मे फार्मेसिस्ट से डॉक्टर बने सत्येंद्र कुमार का अस्पताल बढ़िया चल रहा था अस्पताल मे प्रसव कराने की भी सुविधा होने के कारण विगत कुछ दिन पूर्व जहागीराबाद थाना क्षेत्र के ग्राम इल्मासगंज निवासी अयोध्या प्रसाद की पुत्री नायरा बतौर नर्स के रूप मे काम करने लगी और करीब 15 दिन काम करने के बाद नायरा ने डाक्टर सत्येंद्र की क्लिनिक छोड़ अपना अस्पताल मलौली मे खोल लिया। बताया जा रहा है कि नायरा से मिलने के लिए अक्सर आकाश व विवेक यादव आया करते थे जो डाक्टर सत्येंद्र को पसंद नही था इसी कारण नायरा ने नौकरी छोड़ अपना क्लिनिक चलाने लगी। जिसके तुरंत बाद जानलेवा हमला होना हत्या की वजह होने की आशंका बढ़ा रहा है।
वैसे मृतक के पिता गंगाप्रसाद एव उनके चेचेरे भाई लाल बहादुर, नंद किशोर, संतलाल, राजेंद्र प्रसाद पुत्रगण रामआसरे के बींच काफी समय से जमीनी विवाद चल रहा है जिसको लेकर आये दिन विवाद होता रहता था तथा आये दिन जान से मारने की धमकी दिया करते थे करीब दो माह पूर्व मृतक के पिता गंगाप्रसाद द्वारा लगवाये गये करीब ढाई लाख के यू कल्पटिस के पेड़ो को विपक्षियों ने कटवाकर बेच लिया था मना करने पर लालबहादुर के पुत्र अर्पित ने मृतक को रोककर जान से मारने की धमकी दी थी।
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