Saturday, 3 May 2025

स्व. रघुनाथ यादव की पुण्यतिथि पर पूर्व मंत्री अरविंद गोप ने दी श्रद्धांजलि, बोले - पार्टी के लिए समर्पित थे


 

    प्राइम भारत न्यूज 

न्यूज डेस्क _ मोहम्मद अहमद 


हैदरगढ़, बाराबंकी। 3 मई, विधानसभा हैदरगढ़ के ग्राम राभी मजरे रामनगर में समाजवादी पार्टी के संघर्षशील एवं कर्मठ सिपाही स्वर्गीय रघुनाथ यादव की पुण्यतिथि पर शनिवार को एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविंद कुमार सिंह गोप ने स्व. रघुनाथ यादव के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी और दो मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। पूर्व मंत्री अरविंद गोप ने इस दौरान कहा, "रघुनाथ यादव जी पार्टी के अत्यंत समर्पित और जुझारू कार्यकर्ता थे। जब हम 2003 में विधानसभा चुनाव लड़ने आए थे, तब रघुनाथ जी ने चुनाव में पूरी ताकत लगा दी थी। वे आदरणीय अखिलेश यादव के सच्चे अनुयायी थे और पार्टी के लिए समर्पण की मिसाल थे।"श्रद्धांजलि कार्यक्रम में कई गणमान्य लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिनमें पूर्व विधायक राम गोपाल रावत, हरिराम यादव, राजू सिंह, हशमत अली गुड्डू, अय्यूब कुरैशी, ग्राम प्रधान महेन्द्र शाह, धीरज यादव, जगजीवन यादव सहित बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता और ग्रामीण मौजूद रहे।

सरकारी ज़मीन पर संचालित मेडिकल स्टोर्स पर कार्रवाई, संचालन पर लगी रोक


 

   प्राइम भारत न्यूज 

न्यूज डेस्क _ ऋषभ सैनी 


जिलाधिकारी के निर्देश पर औचक निरीक्षण के बाद हुई सख़्त कार्यवाही


बाराबंकी। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र टिकैतनगर के आस-पास सरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा कर संचालित किए जा रहे मेडिकल स्टोर्स के खिलाफ प्रशासन ने सख़्त रुख अपनाया है। औषधि निरीक्षक सीमा सिंह ने जानकारी दी कि जिलाधिकारी द्वारा 23 अप्रैल को सीएचसी टिकैतनगर का औचक निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि कई मेडिकल स्टोर्स द्वारा सरकारी ज़मीन पर अतिक्रमण कर व्यवसाय किया जा रहा है। इस मामले की जांच के निर्देशों के अनुपालन में आज 3 मई को बबलू मेडिकल स्टोर, बंटी मेडिकल स्टोर, हिमांशु मेडिकल स्टोर और मोनिस मेडिकल स्टोर की मौके पर जांच की गई। जांच के दौरान पाई गई अनियमितताओं के दृष्टिगत उप जिलाधिकारी सिरौली गौसपुर के आदेश पर इन मेडिकल स्टोर्स के संचालन पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी गई है। साथ ही, मेडिकल स्टोर्स को नोटिस भी जारी किया गया है।प्रशासन द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया है कि जब तक राजस्व अभिलेखागार कार्यालय से उक्त भूमि के स्वामित्व की आधिकारिक रिपोर्ट प्राप्त नहीं हो जाती, तब तक स्टोर्स का संचालन प्रतिबंधित रहेगा। इस क्रम में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र टिकैतनगर के साथ बैठक कर यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया कि अस्पताल में आने वाले मरीजों को सभी आवश्यक सरकारी औषधियाँ नियमित रूप से उपलब्ध कराई जाएं। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि अस्पताल में सभी दवाइयाँ पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।




बाराबंकी जिला अस्पताल में ट्रांसफार्मर में लगी आग, कर्मचारियों की सतर्कता से टला बड़ा हादसा

 

   प्राइम भारत न्यूज 

न्यूज डेस्क _ उस्मान चौधरी


बाराबंकी: शनिवार को जिला अस्पताल के आउटडोर विभाग (ओपीडी) के पीछे स्थित ट्रांसफारmer में अचानक आग भड़क उठी। शुरुआती जांच में शॉर्ट सर्किट को इसका कारण माना जा रहा है। आग की लपटें तेजी से फैलने लगीं, जिससे अस्पताल परिसर में हड़कंप मच गया।

घटना के वक्त ओपीडी में डॉक्टर, मरीज और उनके परिजन मौजूद थे, जो स्थिति को भांपते ही सुरक्षित स्थानों की ओर भागे। अस्पताल के सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत फायर फाइटिंग यंत्रों की मदद से आग बुझाने की कोशिश शुरू कर दी और दमकल विभाग को सूचना दी गई।करीब 20 मिनट के भीतर दमकल की टीम मौके पर पहुंची और आग पर पूरी तरह नियंत्रण पा लिया गया। अस्पताल प्रशासन ने राहत की सांस ली कि इस दौरान कोई जान-माल की क्षति नहीं हुई।

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वी.पी. सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि समय पर कार्रवाई और कर्मचारियों की तत्परता से स्थिति को जल्द काबू में ले लिया गया। फिलहाल अस्पताल की सेवाएं सामान्य रूप से जारी हैं और किसी भी तरह की रुकावट नहीं है।

Friday, 2 May 2025

लोकतंत्र को लेकर बाते बड़ी-बड़ी, लेकिन चतुर्थ स्तंभ तक का सम्मान भारी भ्रष्टाचार में हासिए पर -जनता के प्रति जवाबदेही का हो रहा है मात्र दिखावा


 


   प्राइम भारत न्यूज 

 न्यूज डेस्क_ ऋषभ सैनी 


भरे चौराहों पर कलमकार को कर रहे वर्दीधारी बेइज्जत, अधिकारी कह रहे दिक्कत क्या? 

बाराबंकी। जज के यहां नोट बरामद हो जाए फिर भी उनसे रायशुमारी कर कार्रवाई रद्दी की टोकरे में डालने वाली वर्दी, जनप्रतिनिधि बनाम सरकार के लिए तलुए चाटने से भी गुरेज ना करने वाली खाकी जब लोकतंत्र के अहम जनता से जुड़े चतुर्थ स्तंभ का मामला आता है तो अंदाज ऐसा बदल जाता है कि मानो किसी माफियाडान पकड़ में आ गया हो। वो भी उस सतातनी परंपराओं का पालन करने का दावा ठोकने वाली सरकार के राज्य में हो रहा है, जिस सनातन सभ्यता में चतुर्थ स्तंभ के जनक ईश ब्रह्म ऋषि नारद के सम्मान में राजा-महाराजा-देवता के साथ साथ राक्षस तक खड़े होकर प्रणाम करते थे, तो लोग कुछ तो कहेंगे ही। 

जनपद में सच लिखने वाले पत्रकारों के उत्पीड़न की सूची लंबी है। बताने को समाचार प्लस से लेकर आजतक के स्टार रिपोर्टर रहे जनपद के बड़े पत्रकार जिसको फर्जी केस में फंसाकर मामूली धाराओं में थर्ड डिग्री तक दे डाला, तो दूसरे मामलों में भी सुनवाई के अधिकार का हनन करते हुए यही प्रशासन जेल भेजने से नहीं चूका, तो मिट्टी खनन, प्रतिबंधित प्ड़ कटान के साथ साथ तत्कालीन मसौली बीडीओ तक की मनरेगा में जारी फर्जीवाड़ा में पेल खोलने वाले पत्रकार पर तो बेशर्मी से प्रधानों व ब्लॉक प्रमुख की मिलीभगत में झूठा आडम्बर रच हरिजन एक्ट लगाने से नहीं चूके जिम्मेदार, इसी तरह हैदरगढ़ में पासपोर्ट को लेकर चेकिंग के नाम पर वसूली व खनन मामलों में तो तत्कालीन सीओ तक ने पत्रकार को कुछ नहीं मिला तो बरात से लौटते हुए गाड़ा लगाकर लोनीकटरा से पकड़ा और वहां की पुलिस का गलत काम से इंकार करने पर रात्रि कोठी थाने में बंद करवाया, जिसमें तत्कालीन डीआईजी फैजाबाद, डीजीपी से पत्रकार संगठनों द्वारा बात करने पर छोड़ा गया तो रिटायर होने के बाद तक सीओ समझौते के लिए परेशान रहे, मामला प्रेस कौन्सिल आफ इंडिया तक गया था। यहीं नही मामले में दैनिक समाचार पत्र की खबर पर तत्कालीन डीएम उदय भान त्रिपाठी के संज्ञान ले शासन को खबर प्रेषित करने पर जनपद का एलआईयू वरिष्ठ से लेकर आधा दर्जन लोगों का स्थानांतरण तक हुआ। 

इसी तरह रामनगर के ग्रामीण पत्रकार का एक हिस्ट्रीशीटर के खिलाफ सच लिखने पर मिलीभगत में लगातार उत्पीड़न जारी रहा, यहां तक की उसकी बच्ची के जन्मदिन के दिन कहीं और झगड़े में गई पुलिस वालों ने घर में घुसकर उत्पता मचाया तो मामला हाईलाइट होने पर तत्कालीन सीओ तक इमानदारी से जांच नहीं कर पाए और आरोपियों को बाइज्जत बरी कर दिया गया। जबकि आरोपी पुलिस वालों के खिलाफ घर में घुसकर महिलाओं बुजुर्गों के साथ मारपीट व गृहस्थी का समान तोड़ने फोड़ने की शिकायत थी और किसी दूसरे जनपद या अन्य एजेन्सी से जांच की मांग की गई थी। यहीं नहीं उसी हिस्ट्रीशीटर के ग्रामीण पत्रकार की कोटे की दुकान में घुसकर मारपीट की शिकायत करने गए पत्रकार को सांठगांठ वाले दारोगा ने जब बजाए शिकायत पर कार्रवाई करने के अभद्रता शुरू कर दी, जिसकी शिकायत एसपी, आईजी के बाद डीजीपी से पत्रकार संगठन द्वारा करने पर मामला दर्ज कर पत्रकार को इलाज के लिए जिला चिकित्सालय भेजा, लेकिन रात को ही उसी हिस्ट्रीशीटर परिवार की एक महिला को समझा बुझा कर उसकीवतरफ से छेड़खानी व लूट का मामला दर्ज कर एक मृतक को कट्टा लेकर दौड़ाने तक का जिक्र कर दिया। मामला हाईलाइट होने पर भी बेशर्मी इस हद तक दिखी कि मामले में तमाम गवाहों जो दुकान में मौजूद रहे के शपथ पत्र देकर एसपी से शिकायत बावजूद गढ़ी कहानी को ही उन्हीं दारोगा महाशय ने रिपोर्ट लगा कोर्ट भेज दिया, जबकि ना मौका मुआयना हुआ और ना ही तमाम मौके पर मौजूद गवाहों व सर्विलांस की ही मदद ली गई, क्योंकि मामला पत्रकार को फंसाने का जो था।  

यही नही एक प्रतिष्ठित दैनिक समाचार पत्र के हैडआफिस पत्रकार द्वारा भूमि क्रय को लेकर आन लाईन थाना लोनीकटरा क्षेत्र के आरोपी द्वारा 50 हजार रुपए लेकर धोखाधड़ी कर ना जमीन देने और ना पैसा वापस करने की शिकायत पर सूत्रों अनुसार लोकल खाकी द्वारा आरोपी से कुछ तरावट मिल जाने के बाद वहां के इंचार्ज ने सिविल कोर्ट जाने को कह दिया जबकि मामा धोखाधड़ी का है व आनलाईन रुपये दिए गए हैं। यहां बता दें कि एक अधिवक्ता की इसी तरह की एप्लिकेशन पर तत्कालीन शहर कोतवाल ने गरीब द्वारा यह बताने पर भी कि इनको नगद रुपये दिए गए हैं, जोर जबरदस्ती कर रुपये दिलवाए गए। मतलब साफ है कि पहले खबरों का संज्ञान ले वरिष्ठ अधिकारी कार्रवाई करते थे तो देव कार्य में सम्मान था और अब चर्चाओं की मानें तो खबरों पर संज्ञान ले अपना हिस्सा पुख्ता करने का प्रयास होता है कार्रवाई का नहीं। जिससे पत्रकार तो छोड़िए जनप्रतिनिधियों तक का सम्मान हासिए पर है। 

इनसेट


तैनाती कहीं और रौला कहीं में पत्रकार को ही कर दिया बेइज्जत

कैसे हो न्याय जब रक्षक ही हो रहे दबंग रंगबाज भक्षक

बाराबंकी। अधिकारों के दुरुपयोग में लोकतंत्र हासिए पर है। तैनाती कहीं ड्यूटी कहीं और में मीडिया का तो डर ही रहा कि मामला सार्वजनिक हो गया तो जवाबदेही होगी, क्योंकि गाना भी है कि पैसा बोलता है। 

ताज़ा मामला मंडी चौकी इंचार्ज से जुड़ा है, जहां शुक्रवार को एक स्थानीय पत्रकार को महिला थाने के पास रास्ते में रोककर बेवजह गाड़ी की फोटो खींची गई और आधार कार्ड की मांग करते हुए अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया।

पीड़ित पत्रकार का कहना है कि वह रोज़ाना की तरह अपने कार्य से लौट रहे थे, तभी चौकी इंचार्ज ने उन्हें रोककर धमकाया और कहा कि "तुम्हारा वीडियो मेरे पास है।" जब पत्रकार द्वारा वीडियो दिखाने की मांग की गई, तो कोई साक्ष्य नहीं दिखाया गया, उल्टा अमर्यादित व्यवहार किया गया। यह पूरा मामला इस ओर इशारा करता है कि कहीं न कहीं पत्रकारों द्वारा लगातार उजागर किए जा रहे मंडी क्षेत्र के भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों से कुछ लोग असहज हो चुके हैं।

उल्लेखनीय है कि पीड़ित पत्रकार द्वारा मंडी क्षेत्र में चोरी, अवैध वसूली और अन्य संदिग्ध गतिविधियों के खिलाफ लगातार खबरें प्रकाशित की जा रही थीं। यही वजह बताई जा रही है कि निजी रंजिश के चलते यह बदसलूकी की गई।

सूत्रों के अनुसार, जिलाधिकारी और एसपी को इस मामले की जानकारी दे दी गई है और उच्च स्तर पर इस पर संज्ञान लेने की मांग की गई है।

स्व. रघुनाथ यादव की पुण्यतिथि पर पूर्व मंत्री अरविंद गोप ने दी श्रद्धांजलि, बोले - पार्टी के लिए समर्पित थे

      प्राइम भारत न्यूज  न्यूज डेस्क _ मोहम्मद अहमद  हैदरगढ़, बाराबंकी। 3 मई, विधानसभा हैदरगढ़ के ग्राम राभी मजरे रामनगर में समाजवादी पार्टी...